RLD slams Centre for slashing import duty on wheat
New Delhi, Dec 9 (PTI) Rashtriya Lok Dal (RLD) today slammed the Centres move to slash import duty on wheat, saying after demonetisation the latest decision establishes the "anti-farmer" view of the NDA government.
RLD leader and former MP Jayant Chaudhary claimed the BJP, which had stormed to power at the Centre by making several promises to farmers, is essentially an "anti-farmer" party.
"Had it not been so, the government would have first resorted to administrative measures to bring down the inflated cost of wheat," he said noting the price of wheat in open market went up recently.
Notably the imported wheat as compared to home-grown wheat costs Rs 200 per quintal less in market and the governments move to slash its import duty would lower its cost further, he claimed.
"According to an agreement, India will receive about six lakh tonne wheat from Ukrain and Russia and another 6.25 lakh tonne from 25 other countries and is expected to arrive here by February 2017, the same time when the wheat grown by Indian farmers will also reach the markets.
"The result will be that the indigenous farmer would be forced to sell his produce at throw away prices and will once again end up being a victim of aimless decisions (of the Centre)," he said in a statement.
कालेधन पर किसानों का पहला हक : जयंत चौधरी
रालोद नेता एवं पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि नोटबंदी से हर कोई परेशान है। सरकार को तत्काल किसानों का कर्जा माफ करना चाहिए। कालाधन अगर जमा हो रहा है तो उस पर पहला हक किसानों का होना चाहिए। यदि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता में आती है तो सैनिकों के लिए विशेष फंड की स्थापना की जाएगी।
राष्ट्रीय लोकदल द्वारा सारंग विहार कॉलोनी बालाजीपुरम में वीर नारियों का सम्मान और भूतपूर्व सैनिक सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने आगरा मंडल से पहुंचीं 125 शहीदों की वीरांगना पत्नियों का सम्मान कर वीर सपूतों की शहादत को नमन किया। शहीद सैनिकों के परिवार की उपेक्षा पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि एक सैनिक जिसे कोई नहीं जानता और वह देश की खातिर अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार है। सर्जिकल स्ट्राइक से जो उम्मीद जताई गई थी, उसके विपरीत डेढ़ माह बाद भी 46 और जवान शहीद हो गए। उन्होंने कहा कि एक्स आर्मी मैन को क्या सुविधाएं मिलनी चाहिए, यह कोई नहीं सोच रहा। आम आदमी इतनी चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता, जितनी क्षमता एक पूर्व सैनिक में होती है। यही वजह है कि आज कुछ कंपनियां एक्स आर्मी मैन को ही रोजगार दे रही हैं। सरकार को भी इस दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए। सैनिकों के लिए रिलीफ फंड होना चाहिए। जयंत ने बताया कि रालोद ने शहीद स्मृति ग्राम विकास योजना तैयार की है। इसमें लोगों के सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। यदि उत्तर प्रदेश की सरकार में वे शामिल होते हैं तो सबसे पहला काम सैनिक कल्याण के लिए करेंगे। नोटबंदी पर बोतले हुए पूर्व सांसद ने कहा कि आज आम आदमी चिंता में है कि खाते से पैसे कैसे निकलेंगे? मथुरा में जितने परंपरागत उद्योग हैं, ठप पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि पांच दिसंबर को रालोद दिल्ली के जंतर मंतर से मुहिम छेड़ने जा रहा है। कालेधन के नाम पर सरकार के पास आठ लाख करोड़ रुपया जमा हो रहा है। इस पर सबसे पहले किसानों का हक है। इसलिए किसानों का 16 हजार करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया जाए। उन्होंने किसानों से इस मुहिम में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया। इससे पूर्व सभा में कर्नल विक्रम सिंह, कैप्टन हरिहर शर्मा, कर्नल वीपी सिंह, के. ब्रजलाल, रालोद जिलाध्यक्ष रामवीर भरंगर और देवीचरन शर्मा ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता पूर्व सैनिक बदन सिंह ने तथा संचालन खेमचंद शर्मा ने किया।
ये रहे मौजूद
सम्मेलन में अतिथि के रूप में विधायक पूरन प्रकाश, हरीश शर्मा, अमर सिंह पौनियां, जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र सिंह, राजपाल सिंह भरंगर, सिकंदर सिंह, निरंजन सिंह धनगर, प्रताप सिंह, योगेश नौहवार, रविंद्र नरवार, कुं.नरेंद्र सिंह, वीरपाल भरंगर, सुरेश भगत, डॉ.योगेंद्र सिंह, देवराज सिंह, पूर्व विधायक नवाब सिंह, पूर्व विधायक डॉ.अनिल कुमार, ब्रजेश चाहर, गिरिंद्र सिंह, गुड्डू चौधरी, पीयूष धनगर, रोहित प्रताप, हरवीर सिंह, पूर्व जिला मीडिया प्रभारी पवन चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।
जनधन खातों में कालाधन नहीं
जनधन खातों पर सरकार की टेढ़ी नजर का जवाब देते हुए पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार कह रही है कि जनधन खातों में 75 हजार करोड़ जमा हुए हैं। सरकार को यह सोचना चाहिए कि देश में 25 करोड़ खाते हैं। इनमें छह करोड़ इनेक्टिव हैं। इस हिसाब से एक खाते में मात्र तीन हजार रुपये। ये पैसे मा-बहनों द्वारा घरों में जोड़ कर रखे गए रुपये थे, जो अब सरकार को कालाधन नजर आ रहा है। जबकि 10 लाख करोड़ रुपया कॉरपोरेट सिस्टम पर है। इस पर सरकार की नजर नहीं है कि यह धन कहां से आया।
डोनरशिप पर क्यों खामोश है सरकार
जयंत चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो किसी अडानी -अंबानी से एक रुपया नहीं लेती। जबकि अन्य पार्टियां डोनरशिप के सहारे चल रही हैं। आरटीआई में हिसाब मांगों तो देना नहीं चाहतीं। केंद्र सरकार में यदि हिम्मत है तो इस डोनरशिप को रोककर दिखाए।
आरबीआई ने बढ़ाई 100 फीसदी सीसीआर
जयंत चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों का सीसीआर रेट 100 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। यह वह रुपया है जो बैंकों को रिजर्व बैंक को बतौर जमानत देना होता है। इस तरह करीब सात लाख करोड़ रुपया बैंकों को देना होगा। इससे बैंकें घबड़ाई हुई हैं और ब्याज दरों में लगातार गिरावट कर रही हैं। केंद्र सरकार को सोचना चाहिए कि आम जनता के साथ वह क्या कर रही है?
News Source : http://m.livehindustan.com/news/agra/article1-First-right-of-farmers-on-black-money:-Jayant--615673.html
Press Releases
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