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सांसद जयन्त चौधरी ने भूमि अधिग्रहण में सरकार की भूमिका सीमित करने की मांग की
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सांसद श्री जयन्त चौधरी ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पर चर्चा के दौरान इस विधेयक की सराहना करते हुए कहा कि समय के साथ हमें इस बिल में बदलाव के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उन्होंने सरकार की भूमिका को भूमि अधिग्रहण में सीमित करने के लिए बल दिया तथा कहा कि सरकार की भूमिका लैंड यूज प्लानिंग तक ही सीमित रहनी चाहिए जिससे लान्ग टर्म एफिसिएंट लैंड मार्किट तैयार हो।
श्री जयन्त चौधरी ने कहा कि सरकारी अधिकारियों का दायरा सीमित होना चाहिए तथा विकास प्राधिकरणों को जमीन बेचकर लाभ नहीं कमाना चाहिए। श्री जयन्त चौधरी ने कहा कि सर्किल रेट को समय-समय पर बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो सर्किल रेट हमने निर्धारित किया तो लम्बे समय तक यह प्रदेश सरकारों के लिए यह इंसेटिव बन जाएगा कि सर्किल रेट न बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि बहुत समय से लोगों की इच्छा रही है कि इस कानून में परिवर्तन होने चाहिए और आज एक महत्वपूर्ण कदम यह सदन लेने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनगर एक्सटेंशन तथा ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण के नाम पर प्राधिकरणों ने बहुत लाभ कमाया।
सांसद श्री जयन्त चौधरी के भाषण के कुछ अंश:
चौधरी चरण सिंह जी के उस ऐतिहासिक कदम जिसमें उन्होंने जमीदारी उन्मूलन का कार्य किया था उत्तर प्रदेश में उसके पीछे की जो मूल भावना उनकी थी वह यही थी कि जमीन पर जो लोग आधारित हैं उनका जमीन पर अधिकार बना रहे।
भूमिहीनों को जमीन का अधिकार दिलाने में उस आन्दोलन को इस कदम का बहुत बड़ा योगदान था और आज एक तरह से पिछले दो-तीन दशकों में हम देख रहे हैं कि दोबारा वही संघर्ष देश के हर क्षेत्र में हर कोने में उठ रहा है। यहां कानून के संबंध में यही कहूंगा कि एक बहुत अच्छा प्रयास किया है। इस विषय पर मैंने 2009 में निजी विधेयक लोकसभा में पेश किया था। यह एक आसान विषय नहीं है। मुझे खुशी है इस विषय को लेकर काफी चर्चा हुर्इ। दो बार सर्व दलीय बैठक हुर्इ। कमेटी के विचारों को भी सरकार ने रखा। बहुत सी चीजें जो कानून का हिस्सा थीं और मैं भी नहीं सोच पाया उनको इसमें शामिल किया गया। सभी की राय लेकर इस कानून को बनाया गया है। मुआवजे को लेकर जो उन्होंने सुझाव दिए हैं, वह अच्छे हैं। मैं चाहूंगा कि समय के साथ अगर इस कानून में बदलाव हों तो हम तैयार रहें।
मैं मंत्री जी (श्री जयराम नरेश) का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि एसर्इजेड के संबंध में उन्होंने स्पष्टीकरण दिया कि एसर्इजेड एक्ट को भी इस बिल के दायरे में लाया जाएगा लेकिन नेशलन हार्इवेज में जो अधिग्रहण होता है उसमें हमें देखना होगा कि वह किस रेट पर अधिग्रहित हो रही है, उसके पीछे क्या है प्रक्रिया है। उसमें क्या सुधार की आवश्यकता हो सरकार उस पर नजर रखे और सरकार सदन में प्रस्ताव रखे यही मैं मांग करता हूं।