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सांसद श्री जयन्त चौधरी ने नियम 377 के तहत लोकसभा में उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हो रही तबाही का मुददा उठाते हुए मांग की
नर्इ दिल्ली, 27 अगस्त, 2013 - राष्ट्रीय लोकदल महासचिव एवं सांसद श्री जयन्त चौधरी ने नियम 377 के तहत लोकसभा में उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हो रही तबाही का मुददा उठाते हुए मांग की कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जाये तथा किसानों के नुकशान का आंकलन कर उसकी भरपार्इ की जाये।
पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश की वजह से लगभग सभी प्रमुख नदियां- गंगा, सरयू, घाघरा,यमुना, शारदा- उफान पर हैं। सूबे के लगभग 23 जिलों में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। रामपुर, आगरा, बागपत, कन्नौज, इटावा और बांदा तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के कर्इ जिलों में भी प्रमुख नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। इससे सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी में घिरे हैं। बाढ़ की वजह से निचले इलाकों में भारी तबाही मची है और बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका जतार्इ जा रही है।
श्री जयन्त चौधरी ने आèािकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए लोकसभा में कहा कि प्रदेश में मानसून शुरू होने से लेकर अब तक कुल 233 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में करीब पौने दो लाख की आबादी अभी भी प्रभावित है। उत्तर प्रदेश प्रशासन की हालत खराब होती जा रही है। बाढ़ का पानी जमा होने से लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। कर्इ जिलों में लोगों को राहत व खाध सामग्री नहीं मिल पा रही है। बाढ़ से फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
श्री जयन्त चौधरी मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाये तथा किसानों के नुकसान का आंकलन करके उसकी भरपार्इ की जाये।